अक्सर हम लड़के कभी किसी से कुछ नहीं सीखते
होते हैं लापरवाह, फक्कड़, अनाड़ी, मनमर्ज और बदतमीज
झेलते हैं बड़ों की झिड़क, गुस्सा और मिलता है ताना
...लेकिन जब कोई लड़का हो जाता है प्रेम में
वो सीखने लगता है
हर्फ़ दर हर्फ़ कुछ लिखने लगता है
होते हैं लापरवाह, फक्कड़, अनाड़ी, मनमर्ज और बदतमीज
झेलते हैं बड़ों की झिड़क, गुस्सा और मिलता है ताना
...लेकिन जब कोई लड़का हो जाता है प्रेम में
वो सीखने लगता है
हर्फ़ दर हर्फ़ कुछ लिखने लगता है
समझने लगता है आंखों के इशारे
उंगलियों के स्पर्श से बुनने लगता है कुछ फाहे से सपने
गिनने लगता है अपनी धड़कनों को
सुनने लगता है अपनी सांसों को
लिखने लगता है कविताएं और सजाने लगता है अपनी ज़िन्दगी कोहर लड़का हो जाता है तब बुद्ध सा जब वो प्रेम में होता है।
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