Sunday 28 January 2018

लड़के

अक्सर हम लड़के कभी किसी से कुछ नहीं सीखते
होते हैं लापरवाह, फक्कड़, अनाड़ी, मनमर्ज और बदतमीज
झेलते हैं बड़ों की झिड़क, गुस्सा और मिलता है ताना
...लेकिन जब कोई लड़का हो जाता है प्रेम में
वो सीखने लगता है
हर्फ़ दर हर्फ़ कुछ लिखने लगता है
समझने लगता है आंखों के इशारे
उंगलियों के स्पर्श से बुनने लगता है कुछ फाहे से सपने
गिनने लगता है अपनी धड़कनों को
सुनने लगता है अपनी सांसों को
लिखने लगता है कविताएं और सजाने लगता है अपनी ज़िन्दगी को
हर लड़का हो जाता है तब बुद्ध सा जब वो प्रेम में होता है।


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