कौन अच्छा है?
मैंने कहा, तुम
उसने फिर पूछा,सच बताओ
तुम सच में बहुत अच्छी हो, मैंने फिर कहा।
अच्छा?
हां तुम सच में बहुत अच्छी हो
बताओ तो कितनी? ख़ामोश आंखों से उसने पूछा
इस बार मैं कुछ ना बोल सका क्योंकि
मैंने तुम्हारी अच्छाइयों को तराजू लेकर तौला नहीं कभी
समंदर की गहराई को नाप सका है क्या कोई?
या आसमां के पार देख सका है कोई?
फिर मैं कैसे पा लूं थाह तुम्हारी
जब भी पूछोगी कि कितनी
मैं तुम्हारी आँखों सा ख़ामोश हो जाऊंगा...
#Madhav
Bhut acha likha h..bhaiya
ReplyDeleteThank you chhote
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